शहर से सटे गंगटी गांव की बिटिया खुशी का चयन अंडर 20 भारतीय महिला बॉलीबॉल टीम में हुआ है। टीम में चयन होते ही खेल प्रेमियों के साथ-साथ परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। खुशी को घर आते ही जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। खुशी गांव के ही स्व. संतोष सिंह की बेटी है। इनके माता घर पर ही रहती हैं। परिजनों ने बताया कि खुशी पढ़ाई के साथ-साथ खेल में बेहद रूची रखती थी। खुशी शुरूआत में कबडी समेत अन्य खेलों में भी प्रतिनिधित्व कर चुकी है, लेकिन जब इंटर में पढ़ाई कर रही थी तो उन्होंने कॉलेज से ही चयन होकर अपने कॉलेज में वॉलीबॉल टीम में शामिल हुई। इसके बाद बेहतरीन प्रदर्शन के लिए इन्हें विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित खेल कूद प्रतियोगिता मेंे शामिल होने का मौका मिला। विश्वविद्यालय स्तर पर भी इनका शानदार प्रदर्शन रहा। काउंटर (आक्रमण क्षेत्र से ) से खुशी की शानदारी पारी देख दर्शक गदगद हुआ करते थें। खुशी ने बताया कि वे अपने परिजनों के सपोट से इस मुकाम तक पहुंची है। खेल प्रेमियों व अपने कोच द्वारा मिली उत्साह से खुद गौरवानवित हुआ करती थी। खेल के दौरान इन्हें किसी तरह की कोई सुविधाओं की परेशानी नहीं, हुई जिसके कारण ये आगे बढ़ती गई। कई खिलाड़ी इन्हें करना चाहती थी पीछे, अपने हिम्मत के दम पर पायी मंजील भारतीय महिला बॉलीबॉल टीम में शामिल होने के बाद खुशी ने बताया कि वे प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर व जिला स्तर से जब राज्य स्तर तक पहुंची तो इनके कई खिलाड़ियों ने इन्हे आगे जाने से रोकना चाहते थे, लेकिन ये अपने हिम्मत के बदौलत आगे बढ़ती रही। खुशी ने बताया कि महिला टीम में ज्यादा परेशानी होती थी। लोग डराते थे कि आप एक लड़की हो, आगे जाना सुरक्षित नहीं है। लेकिन हम अपने परिजनों के स्पोर्ट से आगे बढ़ते गये। जो भी परेशानियां होती थी उसे टालते गई। हमे इंटरनेशनल खिलाड़ी बनने का सपना थ। आज इंडिया लेवल तक पहुंच चुकी हूं। अब हम इंडिया टीम की ओर से कइ्र देशों के खिलाड़ियों के साथ सामना करने के लिए तैयार हूं।
खुशी स्नातक पार्ट टू की सिन्हा कॉलेज की है छात्रा, खेल में ले चुकी है कई आवार्ड
भारतीय महिला बॉलीबॉल टीम की खिलाड़ी खुशी अभी सिन्हा कॉलेज की छात्र है। स्नातक पार्ट टू अंग्रेजी हॉनर्स की छात्रा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में अब पूरे बिहार व देश का नाम करेगी। खुशी की कद भी लगभग छह फीट है। बॉलीबॉल में आक्रमण खिलाड़ी के रूप में अधिक हाइट वाले खिलाडि़यों की ही जरूरत होती है, ताकि वे आसानी से िवपक्षी खिलाड़ी को परास्त कर सकें। उन्हेांने बताया कि काउंटर खिलाड़ी नेट के समीप ही रहते हैं, ताकि अचानक बॉल से अपनी अंक दाक सकें। जिलास्तर से लेकर राज्य स्तर पर दर्जनों ले चुकी है आवार्डभारतीय महिला बॉलीबॉल टीम में शामिल होने के बाद अपने पैतृक घर गंगटी पहुंचे खुशी कुमारी ने बताया कि वे जिलास्तर से लेकर राज्य स्तर तक लगभग 12 से 13 प्रतियोगिता खेल चुकी है। सभी में इन्हें बेहतरीन प्रदर्शन के लिए आवार्ड मिला है। वैसे खेल की शुरूआत अपने इंटर पढ़ाई के दौरान कॉलेज से की, लेकन धीरे-धीरे इनके प्रदर्शन का बखान होने लगा और खुशी जैसे खिलाड़ी की जरूरत टीम में होने लगी। खुशी ने बताया कि राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता की शुरूआत भागलपुर से हुई थी। भागलपुर के बाद गया समेत अन्य जिलो में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल हुई। इसके बाद बिहार से प्रतिनिधित्व करने के लिए पश्चिम बंगाल पहुंची। यहां भी इन्हें शानदार प्रदर्शन के लिए आवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद सिक्कम, केरला समेत अन्य राज्यों में भी बॉलीबॉल टीम की सामना की। सभी प्रतियोगिताओं में इनका नाम अगली पंक्ति में आते गया। हालही में खुशी बिहार से प्रतिनिधित्व करने बंगोलर पहुंची, जहां इन्हें राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी के लिए चयन हुआ। खुशी ने बताया कि अब वे जल्द ही इंडिया टीम की आेर से दूसरे देश के खिलाडि़यों के साथ प्रतिनिधित्व करने पहुंचेगी।