मातृ दिवस के मौके पर रविवार को शहर के शाहपुर ठाकुरबाड़ी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर के प्रख्यात महिला चिकित्सकों के साथ-साथ महिला नेत्री व समाजसेवी भी शामिल हुए। कार्यक्रम का उदघाटन डॉ शीला वर्मा, डॉ शशि कुमारी, डॉ निहारिका, सोनी कुमारी, सचिव बजरंगी प्रसाद, विभाग निरीक्षक उमाशंकर पोद्दार ,कोषाध्यक्ष संजीव रंजन ,मनोरमा देवी , नेत्री अनीता सिंह ,सरस्वती देवी, सारिका सिंह ,गुड़िया देवी पो डॉ शिवपूजन सिंह, प्रधानाचार्य सुमंत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ववलित कर की। इस मौके पर डॉ शीला वर्मा ने कहा कि माता ही बच्चों के प्रथम गुरू होते हैं। उनके स्वभाव से ही सबकुछ सीखते हैं। डा शशि कुमारी ने कहा कि माता ही संसार की जननी है। मां के बिना पूरी दुनिया सुना है और दुनिया का सबसे बड़ी ऋण मां की नौ माह की कोख होता है। मां नौ महीने तक अपने कोख में रखकर बच्चे का जन्म देती है। मौके पर लगभग 280 माताएं शामिल हुई, जिन्हें मातृ दिवस की शुभकामनाएं देते ही सम्मानित की गई। विद्यालय के उच्च खंड प्रधानाचार्य ने सम्मानित माता बहनों के चरणों में नमन वंदन और धन्यवाद ज्ञापन कर समस्त अतिथियों का परिचय कराया गया। विद्यालय की वरिष्ठ आचार्य अनंत दीदी ने विद्यालय की अन्य दीदी आचार्य द्वारा समस्त अतिथियों को सम्मानित किया। इस दौरान स्कूली बच्चियों ने स्वागत गान के साथ-साथ भक्ति गीतों व पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुति दी। आचार्य जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी माताए ऐसे विद्यालय के प्रांगण में उपस्थित हैं जो निरंतर छात्र विकास सामाजिक उत्थान में निरंतर प्रयासरत और संलग्न है विद्यालय की योजना निर्माण में बाल केंद्रित विचारधारा को केंद्र में रखकर बनाया जाता है जिस कारण विद्यालय से शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी गण आज उच्च पद पर आसीन है और सामाजिक सांस्कृतिक प्रशासनिक उत्थान में संलग्न है । इस मौके पर रविरंजन कुमार सिंह समेत कई लोग मौजूद रहें। विचार प्रस्तुतिकरण के बाद भजन कान्हा बंसी बजाए राधा चली आए भजन पर कक्षा 6/7 की बहनों द्वारा मनोरम नृत्य प्रस्तुत किया गया ।मुख्य अतिथि शशि जी ,डॉक्टर शीला वर्मा जी द्वारा माता और बहनों को सुझाव दिया गया कि पारिवारिक जीवन का निर्वाह करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। विभाग प्रमुख उमाशंकर पोद्दार जी ,सचिव श्री बजरंगी प्रसाद जी द्वारा माता एवं बहनों द्वारा प्रस्तुत किए गए विचारों को मार्गदर्शन के रूप में लेते हुए सामूहिक रूप से विद्यालय उत्थान किया जाएगा ऐसी बात कही गई विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुमंत जी के द्वारा कहा गया पूरे जगत में बच्चों के हितैषी जनों में गुरु और माता-पिता का स्थान सर्वोत्तम है उनमें भी माता के स्थान सबसे ऊपर है माता और आदरणीय हैं साथ ही विचार प्रस्तुत किए कि माता-पिता निरंतर विद्यालय से संपर्क में है विद्यालय से अपने विचारों का आधार प्रदान करते रहे ताकि सामूहिक रूप से हम लोग बच्चों के प्रगति को क्रियान्वित करते रहे जिला भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती अनीता सिंह जी ने विद्यालय और वरिष्ठ अतिथियों को सम्मानित करते हुए साथ ही अन्य माता बदन बहनों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आधुनिकता के युग में मोबाइल इंटरनेट का उपयोग बहुत हद से ज्यादा हो रहा है जिस समय की बहुत बर्बादी हो रही है और बच्चे संस्कार सभ्यता सहीन होते जा रहे हैं जिस कारण यही संस्कारहीन बालक पितृ आश्रमों में अपने माता-पिता को छोड़ देते हैं इसलिए बच्चों की संस्कार की ज्ञान को व्यवहार में उतरने पर ध्यान देना चाहिए साथ ही कहा कि इसलिए सरस्वती शिशु मंदिर बच्चों में संस्कार का प्रवाह करते हुए पठन-पाठन को क्रियान्वित करता है। इसी उद्बोधन पर आधारित एक नाटक का मंचन किया गया जिसमें समाज में फैली एक गलत कदम वृद्धो को वृद्धाश्रमों में छोड़ देने पर कुठाराघात किया गया। अध्यक्ष श्रीमती सोनी देवी जी ने उद्बोधन में वृद्ध माता-पिता की सेवा करने की प्रेरणा दी कन्या भारती की बहन मधु द्वारा मातृ सम्मेलन से जुड़े विचारों पर अमल करने का निवेदन किया गया अंत में आभार ज्ञापन डॉक्टर निहारिका सिंह जी के द्वारा किया गया ।इसी के साथ मातृ सम्मेलन का सफल आयोजन कुशलता पूर्वक संपन्न हुआ।