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इंजीनियरिंग का छात्र फर्जी क्राइम ब्रांच मैनेजर बन इंजीनियरिंग कॉलेज से ठगा था साढ़े पांच लाख रुपए, पुलिस ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से दबोचा

कपिल कुमार, औरंगाबाद

शहर के सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज से एचसीएल परीक्षा सेन्टर लगाने के नाम पर ठगो द्वारा ठगे गये 5 लाख 60 हजार 600 रूपये मामले में साइबर पुलिस ने एक अन्तर्राज्यीय ठग को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ठग लखीसराय जिले के नगर थाना क्षेत्र के इंगलिंश गांव निवासी रामकुमार झा के 27 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार उर्फ बब्लू के रूप में की गई है। औरंगाबाद साइबर पुलिस ने साइबर अपराधी को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित ससुराल से गिरफ्तार किया है। शनिवार को साइबर थाना में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी डॉ अनु कुमारी ने बताया कि पिछले साल 4 अगस्त को सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज के सचिव राजेश कुमार सिंह द्वारा साइबर थाने में साइबर अपराध की प्राथमिकी दर्ज करवायी गर्ठ थी। जिसमे कहा गया था कि कॉलेज में एचसीएल एक्जाम सेन्टर स्थापित करने के नाम पर कंपनी का प्रोजेक्ट लगाने के लिए पांच लाख 60 हजार 600 रूपये की ठगी कर ली गई है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी के निर्देश पर साइबर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई थी। लगातार प्रयास के बाद पुलिस को सफलता मिली। साइबर डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी राकेश एक शातिर ठग है। इसके चंगुल में कोई आता है तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। काफी मशक्कत के बाद उससे पूछताछ के क्रम में ठग गिरोह का भी पता लगाया जा रहा है।

फर्जी पदाधिकारी का आईकार्ड लेकर लोगों से करता था ठगी, फर्जी आइडीकार्ड जब्त

साइबर डीएसपी डॉ अनु कुमारी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी राकेश कई फर्जी आइडी कार्ड बनाकर लोगों को चुना लगाता था। अब तक दर्जनों लोग इसके चंगुल में फंस चुके थे। पूछताछ के क्रम में बताया कि वह क्राइम ब्रांच के आइटी सेल मैनेजर है। इसके अंडर में कई अधिकारी काम करते हैं। पुलिस ने फर्जी आइडीकार्ड को भी बरामद कर लिया है। वहीं पूछताछ के दौरान कई राज उगला है, जिसके निशानदेही पर पुलिस गिरोह का पता लगाने में जुटी है। साइबर डीएसपी ने बताया कि फर्जी पदाधिकारी का आइडी बनाकर वह ब्लैकमेल कर ठगी घटना का अंजाम देता था।

25 एटीएम व फर्जी आइडी कार्ड को पुलिस ने किया बरामद

साइबर डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी के पास से 25 एटीएम कार्ड व फर्जी आइडी कार्ड बरामद किया गया है। इसके साथ ही अपराीध के पास से लेनेवो कंपनी का एक लैपटॉप, पर्पल, उजला व काला रंग का तीन आईफोन, वीवो कंपनी का एक मोबाइल, इनफिनिक्स कंपनी का एक मोबाइल, अलग-अलग बैंकों का 25 एटीएम व आइडी कार्ड के साथ आर्थिक अपराध इकाई का आइडी कार्ड बरामद किया गया है। डीएसपी ने बताया कि जब्त लैपटॉप में कई कंपनी का फर्जी एप, अकाउंट, वेबसाइट, एवीवीएएल डेस्क, एनीडेस्क, रूस्कडेस्क, विभिन्न जिलों के साइबर क्राइम से संबंधित एफआइआर का डेटाबेस, इवोयू आइडी कार्ड हर राज्य के एफआइआर कॉपी, पुलिस विभाग से संबंधित फर्जी वेबसाइट, फर्जी कस्टमर केयर नंबर, फर्जी गुगल एड जिसपर पैसा कमाने का जरीया था, पुलिस ने बरामद किया है।

गिरफ्तार अपराधी आइटी लास्ट सेमेटस्टर का था छात्र, एनआइटी पटना से कर रहा था तैयारी

साइबर पुलिस के हत्थे चढ़ा राकेश कुमार उर्फ बब्लू एनआइटी पटना से बीएससी आइटी लास्ट सेमेटर का छात्र था। पूछताछ के दौरान अपराधी ने बताया कि वह तिलका मांझी भागलपुर से सत्र 2012-15 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पटना के एनआईटी से बीएससी आइटी कर रहा था। चार वर्षीय इस कोर्स का लास्ट सेमेस्टर का छात्र था। इसी बीच इसका मन में कुछ करने का जिज्ञासा हुआ और अपने मित्रों के सहयोग से एप व पोर्टल जैसे कई वेबसाइट बनाना शुरू किया। लॉकडाउन से पहले से ही अपराध शाखा से जुड़ गया और फिर बारी-बारी से लोगों से ठगी करने में महारथ हासिल करते गया। इससे पहले एक बार पकड़ाया था, लेकिन अपनी समझदारी से वह छूट गया था। इस बार औरंगाबाद साइबर पुलिस ने उसे धर दबोचा। पुलिस लगातार उससे पूछताछ करने में जुटी है।

चार माह पहले हुआ था शादी, ससुराल में बताता था बड़ा ऑफिसर

साइबर डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी राकेश उर्फ बब्लू से पूछताछ के क्रम यह बताया है कि उसका चार माह पहले शादी पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में हुआ था। अपने ससुराल में वह बड़ा ऑफिसर बताता था। ठगी से कमाई की गई पैसे से यश मौज करता था और अपने ससुराल में क्राइम ब्रांच का फर्जी आइर्डी दिखाकर बड़ा पदाधिकारी का हवाला देता था। पुलिस ने फर्जी पदाधिकारी के नाम पर बने कई फर्जी आइडीकार्ड को बरामद कर लिया है।

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