जिला पदाधिकारी औरंगाबाद के निदेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद की अध्यक्षता में बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु जिला योजना भवन सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिला के विभिन्न विभागीय पदाधिकारी यथा शिक्षा, आईसीडीएस, बाल संरक्षण, कल्याण, महिला एवं बाल विकास निगम, जीविका, पुलिस प्रशासन तथा औरंगाबाद सदर अनुमंडल के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी,अंचल अधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, थाना प्रभारी,मुखियागण,पंचायत प्रतिनिधि,वीडियोग्राफर/ टेंट/केटरर प्रतिनिधि एवं अन्य हितभागियों की उपस्थिति हुए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद श्री संतन कुमार सिंह ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह करना कानूनन जुर्म है एवं इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है! आप सभी जानते हैं कि आगामी 10 मई को अक्षय तृतीया है और ऐसी मान्यता रही है कि इस दिन को शुभ मानते हुए अधिकांश शादियां होती है! ऐसे में संभावित बाल विवाह को रोकना प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों और शादी समारोह के हितभागी यथा धर्मगुरु,टेंट, बैंड,बाजा, बत्ती,प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल इत्यादि की जिम्मेबारी है, इसी उद्देश्य से आज की बैठक रखी गई है, इसके लिए किस प्रकार की रणनीति तैयार की जाए कि एक भी बाल विवाह नहीं हो! ऐसे औरंगाबाद में बाल विवाह की सूचना कम ही है फिर भी निगराणी रखनी आवश्यक है! इसके लिए सबसे पहले प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम एवं प्रचार-प्रसार किया जाए तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड के सभी विभागीय पदाधिकारी,थाना प्रभारी, शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाङी सेविका,जीविका कर्मी,जीविका दीदी, सभी धर्मों के धर्मगुरू,टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा, बत्ती,मैरेज हाॅल इत्यादि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध की अग्रेतर कारवाई सुनिश्चित करेंगे!